नई दिल्ली : शनिवार, जुलाई 20, 2024/ केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कल नई दिल्ली में एक प्रेस वार्ता में कहा, “46वीं विश्व विरासत समिति की बैठक भारत की विविध और अनूठी सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत को दुनिया के सामने प्रदर्शित करेगी, तथा भारत के सांस्कृतिक गौरव को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी।”
21 से 31 जुलाई, 2024 तक नई दिल्ली के भारत मंडपम में विश्व विरासत समिति का 46वां सत्र आयोजित किया जाएगा। भारत पहली बार इसकी मेजबानी कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 21 जुलाई, 2024 को इस सत्र का उद्घाटन करेंगे। इसके अलावा, उद्घाटन समारोह में यूनेस्को की महानिदेशक मैडम ऑड्रे अजोले और यूनेस्को विश्व विरासत सचिवालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी और विभिन्न देशों के संस्कृति मंत्री, राजदूत और इस क्षेत्र के विशेषज्ञ के साथ-साथ अन्य उच्च-स्तरीय गणमान्य व्यक्ति शामिल होंगे।
शेखावत ने इस बात पर प्रकाश डाला कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के तीसरे कार्यकाल में यह भारत का पहला मेगा इवेंट है। उन्होंने 40 दिनों की छोटी अवधि के भीतर पूरे सरकारी दृष्टिकोण के साथ इस बैठक का आयोजन करने के लिए संस्कृति मंत्रालय की सराहना की। उन्होंने कहा, “इस पैमाने की अंतरराष्ट्रीय बैठक दुनिया में भारत की सॉफ्ट पावर को और मजबूत करेगी और विश्व भर के दर्शकों के साथ-साथ व्यापक लोकसंपर्क के लिए अवसर प्रदान करेगी।”
46वीं विश्व विरासत समिति की बैठक के प्रतीक चिन्ह पर प्रकाश डालते हुए संस्कृति मंत्री ने कहा कि यह हम्पी के विश्व विरासत स्थल से प्रेरित है। विजया विट्ठल मंदिर का पत्थर का रथ भारत की स्थापत्य कला की भव्यता और मूर्तिकला की उत्कृष्टता का प्रमाण है। प्रतीक चिन्ह की टैगलाइन संस्कृत में है – सह नौ यशः, जिसका हिन्दी में अर्थ है ‘हमारा गौरव बढ़े’। “यह टैगलाइन प्राचीन संस्कृत ग्रंथ ‘तैत्तिरीय उपनिषद’ (1.3.1) से ली गई है, जो हमारे पूर्वजों की सभी के विकास की इच्छा का प्रमाण है। शेखावत ने जोर देते हुए कहा, ‘हमारा गौरव बढ़े’ का आदर्श वाक्य भारत की आकांक्षाओं को दर्शाता है। साथ ही, इस वर्ष समिति बैठक की भारत द्वारा मेजबानी करना, विश्व धरोहर सम्मेलन के दायरे को और अधिक बढ़ाने के वास्तविक प्रयासों को खूबसूरती से दर्शाता है।”
प्रेस वार्ता में केंद्रीय मंत्री के साथ विश्व विरासत समिति के अध्यक्ष और यूनेस्को में भारत के राजदूत और स्थायी प्रतिनिधि विशाल वी. शर्मा और एएसआई के महानिदेशक यदुवीर सिंह रावत भी शामिल हुए।
संस्कृति मंत्रालय की ओर से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा 46वीं विश्व विरासत समिति की बैठक आयोजित की जा रही है। यह हमारी साझा सांस्कृतिक, प्राकृतिक और मिश्रित विरासत के संरक्षण पर चर्चा और सहयोग करने के लिए दुनिया भर के प्रतिनिधियों को एक साथ लाएगा। यह वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देने और हमारी विश्व विरासत से संबंधित संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में भारत के लगातार बढ़ते कद की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
एएसआई के अपर महानिदेशक जान्हवीज शर्मा ने विश्व विरासत सम्मेलन और विश्व विरासत समिति के इतिहास और कार्यप्रणाली के बारे में मीडिया को जानकारी दी।