प्रदेश की त्रिस्तरीय पंचायत राज व्यवस्था में सरपंचों की तरह जनपद और जिला पंचायत अध्यक्षों का निर्वाचन प्रत्यक्ष प्रणाली से होगा। यानी अब जनता सीधे जनपद और जिला पंचायत अध्यक्ष चुनेगी। इसको लेकर सरकार विधानसभा के आगामी सत्र में पंचायतराज अधिनियम में संशोधन प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रही है। मौजूदा स्थिति में जनपद और जिला पंचायत अध्यक्षों का निर्वाचन सदस्यों द्वारा होता है। अप्रत्यक्ष प्रणाली के चुनाव विवादों में रहते हैं।
पंचायतराज व्यवस्था में यूं तो चुनाव गैरदलीय आधार पर होते हैं, लेकिन इसमें राजनीतिक दलों का पूरा दखल रहता है। जिस दल की सदस्य संख्या अधिक होती है, उसका समर्थित व्यक्ति अध्यक्ष बन जाता है। जिन निकायों में एक दल के समर्थकों का बहुमत नहीं होता है, वहां सदस्यों को प्रलोभन दिए जाने के साथ धमकाने की शिकायतें और राजनीतिक जोड़तोड़ सामने आती है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने पंचायतराज अधिनियम में संशोधन की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए पंचायतराज की प्रत्यक्ष चुनाव प्रणाली वाले राज्यों के अधिनियमों का अध्ययन किया जा रहा है। फिलहाल सरकार नगरीय निकाय तो नहीं पर पंचायत चुनाव की व्यवस्था में परिवर्तन करने पर विचार कर रही है। मुख्यमंत्री कार्यालय के निर्देश पर पंचायतराज संचालनालय ने इसकी तैयारी भी प्रारंभ कर दी है। इसके लिए अन्य राज्यों के प्रविधानों की जानकारी मंगाई गई है ताकि उनका अध्ययन पंचायतराज अधिनियम में संशोधन की तैयारी शुरू कर दी है।