केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री और ईपीएफ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. मनसुख मांडविया ने कर्मचारी पेंशन योजना, 1995 के लिए केंद्रीकृत पेंशन भुगतान प्रणाली (सीपीपीएस) के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। राष्ट्रीय स्तर की केंद्रीकृत प्रणाली सीपीपीएस की स्थापना प्रमुख बदलाव का प्रतीक है। इससे पूरे भारत में किसी भी बैंक, किसी भी शाखा के जरिए पेंशन पाना संभव हो जाएगा।
इस ऐतिहासिक निर्णय के बारे में बताते हुए केंद्रीय मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा, “केंद्रीकृत पेंशन भुगतान प्रणाली (सीपीपीएस) की मंजूरी ईपीएफओ के आधुनिकीकरण में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। पेंशनभोगियों को देश में कहीं भी, किसी भी बैंक, किसी भी शाखा से अपनी पेंशन प्राप्त करने में सक्षम बनाने वाली यह पहल पेंशनभोगियों के सामने आने वाली लंबे समय से चली आ रही चुनौतियों का समाधान करेगी और एक निर्बाध तथा कुशल संवितरण तंत्र सुनिश्चित करेगी। यह ईपीएफओ को अपने सदस्यों और पेंशनभोगियों की जरूरतों को बेहतर ढंग से पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध एक अधिक मजबूत, उत्तरदायी और तकनीक-सक्षम संगठन में बदलने के हमारे चल रहे प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम है।
केंद्रीकृत पेंशन भुगतान प्रणाली से ईपीएफओ के 78 लाख से अधिक ईपीएस पेंशनभोगियों को लाभ होने की उम्मीद है। उन्नत आईटी और बैंकिंग प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके, यह पेंशनभोगियों के लिए अधिक कुशल, निर्बाध और उपयोगकर्ता के अनुकूल अनुभव प्रदान करेगा।
सीपीपीएस पेंशन भुगतान आदेश (पीपीओ) को एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय में स्थानांतरित करने की आवश्यकता के बिना पूरे भारत में पेंशन का वितरण सुनिश्चित करेगा, भले ही पेंशनभोगी अपना स्थान बदल देता हो या अपना बैंक या शाखा। यह उन पेंशनभोगियों के लिए बड़ी राहत होगी जो सेवानिवृत्ति के बाद अपने गृहनगर चले जाते हैं।
यह सुविधा 1 जनवरी 2025 से ईपीएफओ के चल रहे आईटी आधुनिकीकरण प्रोजेक्ट सेंट्रलाइज्ड आईटी इनेबल्ड सिस्टम (सीआईटीईएस 2.01) के हिस्से के रूप में लॉन्च की जाएगी। अगले चरण में, सीपीपीएस आधार-आधारित भुगतान प्रणाली (एबीपीएस) में एक सुचारु परिवर्तन करेगा।
सीपीपीएस मौजूदा पेंशन संवितरण प्रणाली से एक आदर्श बदलाव है जो विकेंद्रीकृत है। इसमें ईपीएफओ का प्रत्येक क्षेत्रीय/क्षेत्रीय कार्यालय केवल 3-4 बैंकों के साथ अलग-अलग समझौते रखता है। पेंशनभोगियों को पेंशन शुरू होने के समय किसी भी सत्यापन के लिए शाखा में जाने की भी आवश्यकता नहीं होगी और पेंशन जारी होने पर तुरंत खाते में जमा कर दी जाएगी। इसके अलावा, ईपीएफओ को उम्मीद है कि नई प्रणाली में जाने के बाद पेंशन वितरण की लागत में उल्लेखनीय कमी आएगी।