नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद चुनाव आयोग (ECI) ने शुक्रवार को इलेक्टोरल बॉन्ड्स की पूरी जानकारी अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दी है। सबसे ज्यादा चुनावी बॉन्ड खरीदने वाली कंपनियों में दूसरे नंबर पर मेघा इंजीनियरिंग ऐंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड का नाम है। वहीं पहले नंबर पर फ्यूचर गेमिंग ऐंड होटल सर्विस है जिसके खिलाफ ईडी भी जांच कर चुकी है। मेघा इंजीनियरिंग ऐंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (MEIL) ने एक-एक करोड़ कीमत के 821 चुनावी बॉन्ड खरीदे हैं। गौर करने वाली बात यह है कि इस कंपनी ने अप्रैल 2023 में करीब 140 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे और इसके एक महीने बाद ही महाराष्ट्र में 14,400 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट मिल गया।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक चुनावी बॉन्ड खरीदने के महीनेभर के अंदर ही कंपनी को ठाणे-बोरीवली ट्विन टनल प्रोजेक्ट का टेंडर मिल गया। बता दें कि MEIL का मुख्यालय हैदराबाद में है। इस कंपनी की की स्थापना 1989 में पीपी रेड्डी ने की थी जो कि आज देश के अमीरों की लिस्ट में शामिल हैं।
महाराष्ट्र सरकार के मुंबई मेट्रोपोलिटन रीजनल डिवेलपमेंट अथॉरिटी (MMDRA) ने इस प्रोजेक्ट के लिए टेंडर निकाला था। इस प्रोजेक्ट के तहत संजय गांधी नेशनल पार्ट के अंतरगत दो रोड टनल बनाई जानी थी। केवल एमईआईएल कंपनी की ही बिड पर प्रतिक्रिया दी गई थी। इसके बाद मुंबई की इंजीनियरिंग कंपनी लारसेन ऐंड टरबो ने बॉम्बे हाई कोर्ट में अर्जी दी थी और कहा था कि अस्पष्ट कारणों से एमएमआरडीए ने उसकी बिज रिजेक्ट कर दी।
एल ऐंड टी कंपनी ने हाई कोर्ट में दो अर्जियां दी थीं। पहली में पैकेज 1 प्रोजेक्ट यानी 5.75 किलोमीटर की बोरीवली की तरफ बनने वाली टनल को लेकर पक्षपात की बात कही गई थी। वहीं दूसरी में पैकेज 2 यानी ठाणे की तरफ बनने वाली 6.09 किलोमीटर की टनल के बारे में कहा गया था कि एक सफल बिडर होने के बावजूद उसकी बिड को रिजेक्ट कर दिया गया। इसके बाद एमएमआरडीए ने कोर्ट में कहा था कि फाइनेंशल बिड ओपन होने के बाद एल ऐंड टी कंपनी ने कमियों की सुधार के लिए आवेदन किया था। नियमों के मुताबिक इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने संसद में भी कंपनी की तारीफ करते हुए कहा था कि इस टेंडर में जिस कंपनी ने टेंडर जीता, मेघा इंजीनियरिंग ने इस प्रोजेक्ट को पूरा किया और सरकार ने एक ही प्रोजेक्ट में 5 करोड़ रुपये की बचत की।