By using this site, you agree to the Privacy Policy and Terms of Use.
Accept
Font ResizerAa
Dopahar MetroDopahar Metro
  • ई-पेपरई-पेपरई-पेपर
  • राज्य-शहरराज्य-शहरराज्य-शहर
  • लाइफस्टाइललाइफस्टाइललाइफस्टाइल
  • बॉलीवुडबॉलीवुडबॉलीवुड
Search
  • देशदेश
  • विदेशविदेश
  • राज्य-शहरराज्य-शहर
  • बिजनेसबिजनेस
  • लोकसभा चुनावलोकसभा चुनाव
  • ईपेपरईपेपर
Have an existing account? Sign In
Follow US
© 2024 Dopahar Metro. All Rights Reserved.
Dopahar Metro > headlines > राजेंद्र शुक्ल सादगी, प्रेम और सरलता से सम्पन्न असाधारण व्यक्तित्व
headlinesOpinionTop News

राजेंद्र शुक्ल सादगी, प्रेम और सरलता से सम्पन्न असाधारण व्यक्तित्व

Dopahar Metro
Last updated: August 2, 2024 9:51 PM
By Dopahar Metro
Share
18 Min Read
SHARE

ताहिर अली

उप-मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल मध्यप्रदेश के राजनीतिक क्षितिज में दैदीप्यमान वह प्रकाशपुंज हैं जो उज्जवल भविष्य, चहूँओर विकास को प्रदर्शित करता है। उनका नाम, विकास का भविष्योन्मुखी सोच का परिचायक है। उनकी दूरदर्शी सोच और उस सोच को धरातल में लाने की दृढ़ इच्छाशक्ति और जुझारू व्यक्तित्व उन्हें विशेष बनाता है। जन-जन के विकास के लिए बिना-रुके, बिना- थके सतत प्रयासरत राजेंद्र शुक्ल की विनम्रता उनके व्यक्तित्व को असाधारण बनाती है। शिखर पर पहुँचने के बाद भी विनम्र बने रहना सबसे बड़ा गुण है। जहां तक राजेन्द्र शुक्ल का सवाल है, उन्हें विनम्रता का पर्याय कहना किसी भी तरह की अतिशयोक्ति नहीं होगी।

निःस्वार्थ सेवा, अथक परिश्रम, गहन समर्पण, अटूट निष्ठा, जरूरतमंदों की सहायता के लिए सदा तत्परता और लक्ष्य की ओर निरंतर यात्रा ने उन्हें भीड़ में अलग पहचान दिलाई है। वे नवोन्मेषी विचारक हैं। उनके अंतरात्मा में विचारों की निरंतरता हमेशा गतिशील रहती है। उनके नवाचार की ऊष्मा हर पल नए और विशिष्ट विचारों का जन्म देती रहती है। चुनौतियों और लक्ष्यों से लड़ने की दृढ़ शक्ति उनमें निहित है। सौंपे गए दायित्वों को कुशलता से निभाने की क्षमता का आकलन कर विरोधी भी उनकी प्रशंसा किए बिना नहीं रहते हैं। कैसी भी बाधाएँ समस्याएँ आ जायें, बिना समय व्यर्थ किए, बिना विचलित हुए वे सदैव समाधान के लिए प्रयास करते हैं। उनका मानना है कि “अगर आप समाधान का हिस्सा नहीं है, तो आप ख़ुद एक समस्या हैं।”

वे मानते हैं कि “श्रमेण सिध्यन्ति कार्याणि न मनोरथैः” अर्थात श्रम से ही कार्य सिद्ध होते हैं, मात्र इच्छाओं से नहीं। लक्ष्य प्राप्ति के लिए सतत प्रयास करना सोच से भी महत्वपूर्ण है। सतत प्रयास से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। यहाँ रश्मिरथी का यह उद्धरण प्रासंगिक है:
“खम ठोक ठेलता है जब नर, पर्वत के जाते पांव उखड़,
मानव जब जोर लगाता है, पत्थर पानी बन जाता है…”

राजेन्द्र शुक्ल का जीवन संघर्ष और सेवा का जीवंत उदाहरण है, जो हमें प्रेरणा देता है कि कैसे कठिनाईयों और संघर्षों के बीच भी एक व्यक्ति अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है और समाज के लिए आदर्श बन सकता है। राजेन्द्र शुक्ल के व्यक्तित्व की उदारता, सहृदयता, संवेदनशीलता और सज्जनता के अद्भुत संयोजन में ऐसा व्यक्तित्व निर्मित हुआ है, जिसने सरल, सहज, उदार, स्नेही व्यक्तित्व की नई इबारत लिखी है। विशाल व्यक्तित्व के धनी का सशक्त पहलू व्यापक विचारधारा है। उनकी चिंतन क्षमता ने उनके व्यक्तित्व में व्यवहारिकता और अध्यात्मिकता का अनूठा संयोजन किया है। उनकी सफलताओं का आधार उनके करिश्माई व्यक्तित्व और अनूठी सोच है। विचारों की व्यापकता का रूचि-नीति में भी परिलक्षित होती है। उनका यहीं सेवा-भाव जरूरतमंद की मदद करने में दिखता है।

शुक्ल में सेवा-संकल्प का समर्पित भाव, चुनौतियों की जिद और जूनून के साथ सामना करने का जज्बा उनके व्यक्तित्व के ऐसे पहलू हैं, जिन्होंने राजनीति को सेवा नीति में बदल दिया है। एक योगी की तरह हर आम-खास की बात, समस्या सुनना, मनन करना और जरूरतमंदों की सेवाभाव से मदद करना उनकी प्राथमिकता में रहता है। उनका यह ऐसा गुण है, जिसमें आम “जन” के “मन” से उनका एक गहरा और आत्मीयता पूर्ण रिश्ता बन जाता है।

राजेन्द्र शुक्ल को कभी अपनी छवि निर्माण के लिए प्रयास नहीं करने पड़े। उनके कर्मठ व्यक्तित्व और सरल विनम्र स्वभाव ने उनकी छवि को इतना पुख्ता कर दिया है कि उसे धुंधला कर पाना संभव नहीं है। राजेंद्र शुक्ल के व्यक्तित्व का प्रभावी पहलू उनकी विशिष्ट संवाद क्षमता है। वे सीधे और सहज भाव से श्रोताओं के साथ सीधा सम्पर्क स्थापित कर उनकी समस्याओं का निदान करते हैं। सीधे संवाद की विशिष्ट क्षमता, विचारों की व्यापकता व्यवहार की सहजता, व्यक्तित्व की विशालता का अद्भुत संयोजन का ही नाम राजेन्द्र शुक्ल हैं।

राजेन्द्र शुक्ल असाधारण व्यक्ति वाले आम आदमी है। वे दिखते साधारण है लेकिन उनका व्यक्तित्व असाधारण रूप से विशाल और प्रतिभा संपन्न हैं। मानवीय संवेदनाओं, अनुभूतियों से उदार गुणों से भरा दिल है जो हर पल पीड़ित मानवता की सेवा के लिए धड़कता है। वे कार्यों पर जितनी चौकस निगाह रखते हैं, उतनी उनको चिंता है कि दरवाजे पर आए गंभीर रोग से पीड़ित और हर दुखियारे की मदद कर उसका दुःख-दर्द दूर किया जाए।

सहजता, सरलता, सौम्यता, शुचिता के साथ ही तत्परता और त्वरित गति से जन-समस्याओं का निराकरण; ये वे गुण होते हैं जो राजनीति के क्षेत्र में काम करने वाले व्यक्ति को एक ऊँचे मुकाम तक पहुँचाते हैं। विन्ध्य की धरती पर जन्में राजेन्द्र शुक्ल के जीवन और उनके व्यक्तित्व-कृतित्व में ऐसे ही गुणों का समावेश है, जो सार्वजनिक जीवन में और राजनीति में काम करने की विशेषताएँ होती है, राजनीति उनके लिए सेवा का भाव रही है।

मानव-सेवा के लक्ष्य शिरोधार्य

राजेंद्र शुक्ल ने पिता समाजसेवी स्व. भैयालाल शुक्ल के गुणों और संस्कारों का अनुसरण करते हुए स्वयं को ढाला। धीर-गंभीर ऋषि-मुनि मानव सेवा के लक्ष्य में एक तपस्वी की तरह लीन रहना उनका लक्ष्य है। उनकी सेवा भावना की तपस्या को कभी किसी पद का लालच भंग करने का साहसी ही नहीं जुटा पाया है। मानव-सेवा के लक्ष्य को शिरोधार्य कर अनवरत प्रयासरत हैं।

कर्मयोगी की साधना

राजेंद्र शुक्ल का जन्म और प्रारंभिक शिक्षा रीवा, मध्यप्रदेश में हुई। रीवा में 3 अगस्त 1964 को जन्में राजेन्द्र शुक्ल ने युवा अवस्था में ही राजनीति के प्रति अपनी रुचि बता दी थी, जब वे वर्ष 1986 में रीवा इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए। वर्ष 1992 में युवा सम्मेलन का आयोजन करने में भी उनकी सक्रिय भागीदारी रही। वे लायंस क्लब रीवा के लंबे समय से सदस्य रहे हैं। भाजपा मध्यप्रदेश की कार्य समिति के सदस्य और मध्यप्रदेश गृह निर्माण मंडल के डायरेक्टर भी रहे हैं। राजेंद्र शुक्ल ने वर्ष 1998 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सदस्यता ग्रहण की और प्रदेश कार्यसमिति सदस्य बनाए गए। व्यवसाय कृषि, तैराकी के शौकीन पहली बार वर्ष 2003 में विधानसभा के लिए चुने गए और राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आवास एवं पर्यावरण रहे। उसके बाद उन्होंने निरंतर अपनी विजय को बरकरार रखा। योग्य, कुशल प्रबंधन और प्रशासनिक क्षमता के धनी राजेंद्र शुक्ल को जब भी जो जिम्मेदारी सौंपी गई, उन्होंने प्रबंधन कौशल का बेहतर प्रदर्शन कर उसे परिणाममूलक बनाया। अपने बेहतर प्रबंधन से राजनेताओं के सामने राजेंद्र शुक्ल ने अपनी पहचान को नए-नए आयाम दिए। विवादों से दूर रहकर बिना शोरगुल के काम करते रहने की नीति पर वे चले। राजनीति को राष्ट्र हित में रखते हुए वे राष्ट्रवादी चिंतन के साथ अपने कदम को आगे बढ़ाना चाहते हैं। राजेंद्र शुक्ल को तीन कार्यकाल में मंत्रीमंडल में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिली। वे मंत्री पद की कसौटी पर भी सदैव खरे उतरे। नेतृत्व के प्रति निष्ठा और राज्य सरकार के लक्ष्यों और कार्यक्रमों को पूरा करने की प्रतिबद्धता राजेंद्र शुक्ल की विशेषता है। उनकी कर्मठता और लक्ष्य के प्रति संकल्पबद्धता को शब्दों के रूप में पिरोने के लिए बशीर बद्र की यह ग़ज़ल प्रासंगिक है-
“जिस दिन से चला हूं मेरी मंज़िल पे नज़र है,
आंखों ने कभी मील का पत्थर नहीं देखा …”।

राजेंद्र शुक्ल वर्ष 2008 में तेरहवीं विधान सभा के सदस्य निर्वाचित हुए और राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) वन, जैव विविधता तथा जैव प्रौद्योगिकी, खनिज साधन, विधि और विधायी कार्य और ऊर्जा मंत्री रहे। वर्ष 2009 में ऊर्जा एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्रालय का प्रभार संभालने के पश्चात्, राजेंद्र शुक्ल ने गुजरात की ग्राम ज्योति योजना से प्रेरित होकर मध्यप्रदेश में भी अटल ज्योति योजना का शुभारंभ किया। इस योजना के माध्यम से प्रदेश में 24 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति के लक्ष्य को हासिल किया गया। ऊर्जा मंत्री के रूप में बिजली संकट जूझते हुए मध्यप्रदेश को रोशन करने की उन्हें चुनौती मिली। राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप उन्होंने प्रदेश को बिजली संकट से उबारा। आज मध्यप्रदेश सरप्लस बिजली राज्य के रूप में खड़ा है। वर्ष 2012 में उन्हें मंत्री ऊर्जा, खनिज साधन बनाया गया। वर्ष 2013 में चौदहवीं विधान सभा के सदस्य निर्वाचित हुए और मंत्री, ऊर्जा, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा, खनिज साधन, जनसम्पर्क, वाणिज्य, उद्योग और रोजगार, प्रवासी भारतीय विभाग का मंत्री बनाया गया। राजेंद्र शुक्ल ने जनसंपर्क मंत्री के रूप में भी एक अलग पहचान स्थापित की। पत्रकारों के हित में अनेक योजनाओं को अमली जामा पहनाया। राजेंद्र शुक्ल ने उद्योग तथा खनिज विभाग के दायित्व को बखूबी निभाया। वे प्रदेश में औद्योगिक क्रांति का संकल्प लेकर राज्य में उद्योगों का जाल बिछाने का पर कार्य किया। खनिज आधारित उद्योगों की स्थापना तथा राजस्व वृद्धि करने में सफलता पायी। वर्ष 2018 में चौथी बार विधानसभा सदस्य निर्वाचित हुए। राजेंद्र शुक्ल ने 26 अगस्त 2023 को कैबिनेट मंत्री के पद की शपथ ग्रहण की। मंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एवं जनसंपर्क विभाग रहे। वर्ष 2023 में पांचवीं बार विधान सभा सदस्य निर्वाचित हुए और 13 दिसम्बर 2023 को उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। वर्तमान में प्रदेश के हर क्षेत्र हर नागरिक तक सुलभ और उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच स्थापित करने के लिए वे कार्यरत हैं।स्वास्थ्य क्षेत्र में अधोसंरचना विस्तार, चिकित्सकीय और सहायक चिकित्सकीय मैनपॉवर और उपकरणों की उपलब्धता के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। उनका लक्ष्य मध्यप्रदेश को स्वास्थ्य के विभिन्न मानकों पर देश में शीर्ष पर ले जाना है। यह लक्ष्य बड़ा चुनौतीपूर्ण हैं पर कहते हैं न…
“कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं हो सकता,
एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों”।

निःसंदेह कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। मध्यप्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था ज़िम्मेदार और कुशल हाथों में है। इसके सुखद परिणाम शीघ्र ही परिलक्षित होंगे।

विंध्य क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के लिए हर क्षेत्र में किए प्रयास

रात-दिन विन्ध्य के विकास का सपना देखने वाले राजेन्द्र शुक्ल ने अपनी जन्म-भूमि विन्ध्य के विकास के प्रति अपने दायित्व को बखूबी निभाया। उन्होंने विन्ध्य क्षेत्र के आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक तथा पर्यटन विकास को अपनी प्राथमिकता में रखा है। अपने क्षेत्र के विकास के लिए उनके ड्रीम प्रोजेक्ट्स मुकुन्दपुर व्हाईट टाईगर सफारी, चाकघाट से इलाहाबाद और हनुमना से बनारस फोर-लेन का निर्माण, हवाई पट्टी अथवा गुढ़ में विश्व का सबसे बड़े 750 मेगावाट सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना हो। श्री शुक्ल ने रीवा के चौतरफा विकास में विशेष रुचि ली है। इसी के चलते रीवा विकास शहर के रूप में उभरा है। रीवा सहित पूरे विन्ध्य को यातायात और संचार के साधन मिलने के लिए उन्होंने कायाकल्प करने का संकल्प लिया है। रीवा बायपास न होने से यातायात अव्यवस्था से दुर्घटनाएँ होती थीं। चोरहटा से रतहरा बायपास बनवाकर रीवा में यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ किया। राजेंद्र शुक्ल ने अपने समाजसेवी पिता स्व. श्री भैयालाल शुक्ल की प्रेरणा से रीवा में स्थित लक्ष्मण बाग गौ-शाला को आदर्श गौशाला बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। अपनी तमाम व्यस्तता के बाद भी श्री शुक्ल लक्ष्मण बाग गौ-शाला में जाकर गायों की सेवा कर अपने पिता स्व. भैयालाल शुक्ल को सच्ची श्रद्धाजंलि अर्पित करते हैं।

उनके नेतृत्व और प्रयासों से रीवा और विन्ध्य क्षेत्र को नई पहचान मिली है और वे निरंतर अपने क्षेत्र के विकास के लिए कार्यरत हैं। नवकरणीय ऊर्जा मंत्री रहते हुए, उन्होंने रीवा में एशिया के सबसे बड़े सोलर प्लांट की स्थापना की और इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकार्पित किया। राजेंद्र शुक्ल ने व्हाइट टाइगर को विन्ध्य क्षेत्र के मुकुन्दपुर वन क्षेत्र में वापस लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह क्षेत्र 46 वर्षों से व्हाइट टाइगर से वंचित था, जो कि विन्ध्य क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण राजनैतिक और भावनात्मक मुद्दा रहा है। वर्ष 2014 में स्थापित इस जू में आज भी हजारों देशी-विदेशी पर्यटकों का आकर्षण बना हुआ है।

राजेंद्र शुक्ल रीवा सहित विंध्य क्षेत्र के विकास के कार्यों में सदैव सक्रिय रहे हैं। रीवा में एयरपोर्ट सुविधा के लिए उनके प्रयास फलीभूत हुए और विध्य की देश के अन्य हिस्सों से कनेक्टिविटी बेहतर हुई है। वे संभागीय मुख्यालय को महानगर बनाने की दिशा में भी सक्रिय हैं। उनके मंत्रिमंडल कार्यकालों के दौरान, वाणसागर के पानी से रीवा और विंध्य क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा में सतत वृद्धि हुई है। श्री शुक्ल के प्रयासों से रीवा में तालाबों और जल संरचनाओं का सौंदर्यीकरण और पुनरुद्धार हुआ है। उन्होंने सड़क, पुल, रिंग रोड, मठ, मंदिर, तीर्थ स्थलों का जीर्णोद्धार भी करवाया है। उन्होंने खाली पड़ी एवं अनुपयोगी जमीनों में पार्क और बागों का निर्माण करवाया है। रीवा विधानसभा के 41 गांवो को डी.पी.आई.पी. से जोड़कर करीब 42 स्वसहायता समूह के माध्यम से 41 गांवो में मछली पालन, सब्जी उत्पादन, दुग्ध डेयरी सहित अन्य रोजगार हेतु करीब 20 करोड़ से अधिक की राशि ग्रामीणों को उपलब्ध कराई गयी। जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में तेज गति से विकास हुआ।

पर्यावरण संरक्षण के प्रति उनकी विशेष अभिरुचि रही है। जगह-जगह वृक्षारोपण और ईको-पार्क, नगर वन तथा एपीएस वन का निर्माण करवाया है। युवाओं के खेलकूद के लिए उन्होंने विश्व स्तरीय मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाई और स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का निर्माण कराया। बीहर नदी में रिवर फ्रंट का निर्माण भी उनके प्रयासों का परिणाम है। राजेंद्र शुक्ल के प्रयासों से संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना हुई। माखनलाल विश्वविद्यालय के रीवा परिसर की स्वीकृति, भवन निर्माण एवं संचालन के कार्य को मूर्तरूप देने का कार्य किया। रीवा विधानसभा में करीब 50 से अधिक विद्यालय भवन विहीन थे विद्यालय पेड़ो के नीचे संचालित थे। अभियान चला कर भवन निर्माण करवाया। 50 वर्ष से उन्नयन की बाट जोह रहे 5वीं से 8वीं करीब 25 विद्यालयों का उन्न्यन कराया गया। शिक्षा और संस्कृति के प्रति यह उनका समर्पण प्रदर्शित करता है। राजेंद्र शुक्ल गौ-सेवा के कार्यों के लिए सदैव प्रयासरत रहे हैं। उनके द्वारा गौ-सेवा में जनमानस की सहभागिता एवं प्रयासों को आर्थिक रूप से लाभकारी बनाने की दिशा में प्रयास किए गये हैं। बसामन मामा गौ-अभयारण्य गायों की देखभाल और संरक्षण के उत्कृष्ट प्रयासों का मूर्त मॉडल है।

राजेंद्र शुक्ल स्वास्थ्य के लिए स्वच्छता के महत्व को जानते हैं और सदैव इस दिशा में प्रयास करते रहे हैं। राजेंद्र शुक्ल के नेतृत्व में स्वच्छ रीवा-स्वस्थ रीवा मिशन के तहत नगर पालिक निगम रीवा में करीब 20 से अधिक सुलभ शौचालय का निर्माण कराया गया है, साथ ही अभियान चलाकर नगर नगर पालिक निगम रीवा के अन्तर्गत जितने भी शुष्क शौचालय थे उनके स्थान पर जलरहित शौचालय निर्माण आन्दोलन चलाया गया था। स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के लिए उन्होंने ज़िला चिकित्सालय का उन्नयन, सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल का निर्माण और चिकित्सकों की नियुक्ति सुनिश्चित करने के लिए प्रयास किये हैं। ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था को मज़बूत करने के लिए वे सतत प्रयास कर रहे हैं, ताकि हर क्षेत्र के नागरिकों को उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवाएँ सुलभता से प्राप्त हो सकें।
और अंत में राजेंद्र शुक्ल की सोच और संकल्प को रेखांकित करती हुई दो पंक्तियाँ –
भीड़ में भीड़ बनकर रहे तो क्या रहे
भीड़ में अपनी निजी पहचान होनी चाहिए।

नोट – लेखक सेवानिवृत्त संयुक्त संचालक जनसम्पर्क अधिकारी रह चुके है।

Share This Article
Twitter Whatsapp Whatsapp Email Print
अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करें
Love0
Sad0
Happy0
Sleepy0
Angry0
Surprise0
Wink0
Previous Article प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को कृषि अर्थशास्त्रियों के 32वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का करेंगे उद्घाटन
Next Article प्रदेश में वितरित होने वाली राशन सामग्री में श्रीअन्न को शामिल किया जाए : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

Your Trusted Source for Accurate and Timely Updates!

Our commitment to accuracy, impartiality, and delivering breaking news as it happens has earned us the trust of a vast audience. Stay ahead with real-time updates on the latest events, trends.
FacebookLike
TwitterFollow
InstagramFollow
LinkedInFollow
MediumFollow
QuoraFollow

Popular Posts

82 युवा कलाकारों को वर्ष 2022 और 2023 के लिए उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार से सम्मानित किया गया

वर्ष 2022 और 2023 के असाधारण विजेताओं को सम्मानित करने के लिए उस्ताद बिस्मिल्लाह खान…

By Dopahar Metro

सीएम मोहन यादव कैबिनेट के अहम फैसले

सीएम मोहन यादव कैबिनेट के अहम फैसले मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंत्रियों की महत्वपूर्ण…

By Dopahar Metro

स्मार्ट मीटर में भोपाल ने मारी बाजी, 16 जिलों में 76 हजार मीटर अब तक लगे

मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा लगाए जा रहे स्मार्ट मीटर के मामले में भोपाल ने…

By Dopahar Metro

You Might Also Like

headlinesMP

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को दी बधाई

By Dopahar Metro
headlinesMP

मुख्यमंत्री डॉ. यादव 16 से 19 जुलाई तक स्पेन प्रवास पर रहेंगे

By Dopahar Metro
headlinesMP

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने ‘भारत मार्ट’ को बताया वैश्विक व्यापार का प्रवेशद्वार

By Dopahar Metro
Entertainmentheadlines

‘मालिक’ ने वीकेंड में काटा बवाल

By Dopahar Metro
Dopahar Metro
Facebook Twitter Youtube Whatsapp
© 2024 Dopahar Metro. All Rights Reserved.
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?