Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बिहार में महागठबंधन में सीटों का बंटवारा हो गया है। इसमें कांग्रेस पार्टी को कई ऐसी सीटें दी गई हैं जहां से 1984 के बाद पार्टी को जीत नहीं मिली। विरोधी दल बीजेपी ने भी सीट बंटवारे पर तंज कसा है। बिहार में कांग्रेस की सबसे मजबूत सीट किशनगंज है। इस सीट पर लगातार कांग्रेस को जीत मिलती रही है। पिछले चुनाव 2019 में भी यहां से कांग्रेस के मो. जावेद को जीत मिली थी। कटिहार सीट पर कांग्रेस को कई बार जीत मिली थी। 1980, 1984, 1996, 1998 में कांग्रेस को जीत मिली थी। 2014 में भी कांग्रेस छोड़ कर तारिक अनवर ने एनसीपी से यहां जीत दर्ज की थी।
माना जा रहा है इस बार कांग्रेस की ओर से तारिक अनवर फिर मैदान में उतरेंगे। सासाराम सीट कांग्रेस का गढ़ माना जाता रहा है। यहां से कांग्रेस के जगजीवन राम लगातार कई बार सांसद रहे। अंतिम बार 2004 और 2009 में कांग्रेस की मीरा कुमार को यहां से जीत मिली थी। कभी कांग्रेस का गढ़ रहा भागलपुर में पिछले तीन दशक से कांग्रेस को जीत नहीं मिल सकी है। यहां से अंतिम बार 1984 में भागवत झा आजाद ने लोकदल के जागेश्वर मंडल को हरा कर जीत दर्ज की थी। 2009 में कांग्रेस ने सदानंद सिंह को मैदान में उतारा था, लेकिन हार हुई थी। 1991 में भी कांग्रेस के सदानंद सिंह को चुनचुन यादव ने बड़े अंतर से हराया था।
मुजफ्फरपुर से 1984 में कांग्रेस के ललितेश्वर प्रसाद शाही को जीत मिली थी। इसके बाद से यहां कभी कांग्रेस को जीत नहीं मिल सकी थी। महागठबंधन की बात करें तो यहां से 1998 में राजद की आरे से जय नारायण प्रसाद निषाद को जीत मिली थी। समस्तीपुर से 1984 में कांग्रेस के रामदेव राय को लोकसभा चुनाव में जीत मिली थी। इसके बाद से जनता दल, राजद, जदयू और लोजपा को जीत मिलती रही।
पटना साहिब सीट लगातार कांग्रेस के खाते में रही है। लेकिन इस सीट पर कांग्रेस को कभी जीत नहीं मिल सकी है। पश्चिम चंपारण 1977 से पहले कांग्रेस का गढ़ रहा है। 1984 में यहां से केदार पांडेय कांग्रेस से सांसद चुने गए थे। पूर्वी चंपारण सीट 1984 में कांग्रेस की प्रभावति गुप्ता को जीत मिली थी। इसके बाद से फिर इस सीट पर कभी कांग्रेस को जीत नहीं मिल सकी।
विरोधी दल बीजेपी ने भी महागठबंधन में सीट बंटवारे पर तंज कसा है। डिप्टी सीएम सह बीजेपी नेता विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी ने राजद के आगे समर्पण कर दिया। लालू यादव पहले से ही सिंबल बांटना शुरू कर दिया और कांग्रेस देखती रही। कांग्रेस बड़ी पार्टी है और राजद क्षेत्रीय दल। लेकिन आरजेडी के आगे उनकी एक नहीं चली। बीजेपी नेता सुशील मोद ने कहा है कि राजद ने कांग्रेस को उसकी हैसियत बता दी।