संदेशखली: भाजपा द्वारा संदेशखली मामले की ‘‘पीड़िता’’ रेखा पात्रा को बशीरहाट लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाए जाने के बाद क्षेत्र में कुछ स्थानों पर उनके खिलाफ पोस्टर दिखाई दिए हैं। इन हस्तलिखित पोस्टर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की उम्मीदवार रेखा पात्रा की उम्मीदवारी की निंदा की गई है, जो निलंबित तृणमूल कांग्रेस (TMC) नेता शाहजहां शेख और उसके सहयोगियों के हाथों कथित तौर पर यातना की शिकार हुईं।
भाजपा ने पात्रा के खिलाफ पोस्टर लगाने के लिए राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) पर उंगली उठाई है, जबकि टीएमसी ने इस आरोप को खारिज कर दिया है। पात्रा को बशीरहाट लोकसभा सीट से मैदान में उतारा गया है, जो अभी तक आधिकारिक तौर पर भाजपा में शामिल नहीं हुई हैं। संदेशखली, बशीरहाट निर्वाचन क्षेत्र का हिस्सा है।
भाजपा द्वारा इस सीट से पात्रा के नामांकन की घोषणा के एक दिन बाद सोमवार को पोस्टर लगे मिले, जिन पर ‘‘हम रेखा को उम्मीदवार के रूप में नहीं चाहते’’ और ‘‘हम रेखा पात्रा को भाजपा उम्मीदवार के रूप में नहीं चाहते’’ जैसी बाते लिखी थीं। एक स्थानीय भाजपा नेता ने कहा, ‘‘वे पोस्टर हमारे नहीं थे। तृणमूल कांग्रेस ने घटिया राजनीति करने के लिए ऐसा किया है।’’
हालांकि, टीएमसी ने इस आरोप से इनकार किया है। इस बीच, इलाके की कुछ महिलाओं ने पात्रा को उम्मीदवार बनाए जाने पर खुशी जताई है। एक स्थानीय महिला ने कहा, ‘‘हम पहले कभी एक सांसद को नहीं देख पाए थे। अब हमारे गांव से ही एक सांसद हो सकता है।’’ पात्रा संदेशखली के सबसे मुखर प्रदर्शनकारियों में शामिल थीं। पुलिस ने उनकी शिकायत के आधार पर एक स्थानीय बाहुबली और शाहजहां शेख के सहयोगी शिबू हाजरा को गिरफ्तार किया है।
माना जाता है कि पात्रा उस समूह का भी हिस्सा थीं, जिसने छह मार्च को बारासात में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से उनकी जनसभा के बाद मुलाकात की थी। महिलाओं ने प्रधानमंत्री को संदेशखली की महिलाओं की दुर्दशा के बारे में बताया था।