नई दिल्ली। भारतीय निर्वाचन आयोग (ECI) ने गुरुवार को चुनावी बांड के जरिए राजनीतिक दलों को चंदा देने वालों के नामों को सार्वजनिक कर दिया है। आयोग द्वारा सार्वजनिक किए गए विवरण/आंकड़ों से चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। जिस कंपनी के खिलाफ मार्च, 2022 में प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन के आरोप में जांच की थी, उस कंपनी ने 1350 करोड़ रुपये के चुनावी बांड खरीदकर राजनीतिक दलों को चंदा दिया।
सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर SBI ने कहा था कि 1 अप्रैल, 2019 से 15 फरवरी, 2014 के बीच विभिन्न मूल्यवर्ग के कुल 22,217 चुनावी बांड जारी किए गए। इनमें से 22,030 को राजनीतिक दलों ने भुनाया। सुप्रीम कोर्ट के कड़े रुख के बाद SBI ने मंगलवार को चुनावी बांड के जरिए राजनीतिक दलों को चंदा देने वालों का विवरण भारतीय निर्वाचन आयोग को मुहैया कराया था।
आयोग ने अपनी वेबसाइट पर दो फाइलों का ब्योरा दिया
निर्वाचन आयोग ने सुप्रीम कोर्ट से मिली समय सीमा से पहले बांड के जरिए चंदा देने-लेने वालों के नामों की जानकारी अपने वेबसाइट पर सार्वजनिक कर दी। आयोग ने अपनी वेबसाइट पर दो फाइलों का ब्योरा दिया है। इसमें एक में चंदा देने वालों का नाम और रकम है, जबकि दूसरी फाइल में चंदा लेने वाले राजनीतिक दलों व रकम का ब्योरा है।
महत्वपूर्ण हस्तियों ने बांड खरीदे
सार्वजनिक किए गए विवरण के विश्लेषण से साफ होता है कि राजनीतिक दलों को चंदा देने वालों स्टील टाइकून लक्ष्मी मित्तल से लेकर एयरटेल के प्रवर्तक अरबपति सुनील भारती मित्तल के अलावा वेदांता समूह के अनिल अग्रवाल, आईटीसी, महिंद्रा एंड महिंद्रा के अलावा फ्यूचर गेमिंग और होटल सर्विसेज के नाम प्रमुख रूप से हैं।
फ्यूचर गेमिंग वही कंपनी है, जिसके खिलाफ मार्च 2022 में प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन के आरोपों की जांच की थी। इस कंपनी ने दो अलग-अलग कंपनियों के जरिये 1,350 करोड़ रुपये से अधिक के चुनावी बांड खरीदे।
वेदांता लिमिटेड ने 398 करोड़ रुपये के बांड खरीदे
इसके अलावा, वेदांता लिमिटेड ने 398 करोड़ रुपये के बांड खरीदे। जबकि, सुनील मित्तल की तीन कंपनियों ने मिलकर कुल 246 करोड़ रुपये बांड के जरिए राजनीतिक दलों को चंदा दिया। इसके अलावा, स्टील टाइकून लक्ष्मी निवास मित्तल ने अपनी व्यक्तिगत क्षमता में 35 करोड़ रुपये के बांड खरीदे और राजनीतिक दलों को दिया। जानकारी के अनुसार, हैदराबाद स्थित मेघा इंजीनियरिंग (इसे कई बड़ी बुनियादी ढांचा से जुड़ी परियोजनाओं का ठेका मिला) ने 966 करोड़ रुपये के बांड खरीदे।
प्रमुख कंपनियां
ईसीआई की वेबसाइट के अनुसार, चुनावी बांड के खरीदारों में स्पाइसजेट, इंडिगो, मेघा इंजीनियरिंग, पीरामल एंटरप्राइजेज, टोरेंट पावर, भारती एयरटेल, डीएलएफ कॉमर्शियल डेवलपर्स, वेदांता लिमिटेड, अपोलो टायर्स, एडलवाइस, पीवीआर, सुला वाइन, वेलस्पन, सन फॉर्मा, वर्धमान टेक्सटाइल्स, जिंदल ग्रुप, फिलिप्स कार्बन ब्लैक लिमिटेड, सीएट टायर्स, डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज, आईटीसी, केपी एंटरप्राइजेज, सिप्ला और अल्ट्राटेक सीमेंट जैसी कंपनियां हैं।
बांड के जरिए दान पाने वाले दल
दान पाने वालों में भाजपा, कांग्रेस, एआईएडीएमके, बीआरएस, शिवसेना, टीडीपी, वाईएसआर कांग्रेस, डीएमके, जेडी-एस, एनसीपी, तृणमूल कांग्रेस, जेडीयू, आप, राजद, समाजवादी पार्टी, जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस, बीजेडी, गोवा फॉरवर्ड पार्टी, महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी, सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा, जेएमएम, सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट और अन्य पार्टी शामिल शामिल हैं।
निजी तौर पर दान देने वाले
निजी तौर पर चुनावी बांड के जरिए दान देने वालों में लक्ष्मी निवास मित्तल के अलावा, किरण मजूमदार शॉ, वरुण गुप्ता, बी के गोयनका, जैनेंद्र शाह और मोनिका जैसे व्यक्ति भी शामिल हैं।
कुछ तथ्य
-गाजियाबाद स्थित यशोदा सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल ने 162 बांड खरीदे, जिनमें से ज्यादातर 1 करोड़ रुपये के थे।
– बजाज ऑटो ने 18 करोड़ रुपये, बजाज फाइनेंस ने 20 करोड़ रुपये, इंडिगो की तीन कंपनियों ने 36 करोड़ रुपये, स्पाइसजेट ने 65 लाख रुपये और इंडिगो के राहुल भाटिया ने 20 करोड़ रुपये के बांड खरीदकर राजनीतिक दलों को चंदा दिया।
मुंबई स्थित क्विक सप्लाई चेन प्राइवेट लिमिटेड ने 410 करोड़ रुपये और हल्दिया एनर्जी ने 377 करोड़ रुपये के बांड खरीदे।