नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की सबसे बड़ी मुश्किल यह है कि आयकर विभाग ने उसके सभी बैंक खाते सीज कर दिए हैं और उसका आरोप है कि वह चुनाव प्रचार के लिए पैसों का इस्तेमाल नहीं कर पा रही है। इनकम टैक्स रिटर्न नहीं भरने के चलते पार्टी को 3567 करोड़ रुपए के नोटिस मिले हैं। कांग्रेस के बाद दो और राजनीतिक दल आयकर विभाग के राडार पर हैं। आईटी डिपार्टमेंट जल्द ही इन्हें नोटिस जारी करने की तैयारी भी कर रहा है। इन दोनों दलों के खिलाफ सहकारी बैंकों में जमा 380 करोड़ रुपए को लेकर जांच की जा रही है।
ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, मामला तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के दो क्षेत्रीय पार्टियों से जुड़ा है। इन पर वित्तीय वर्ष 2020-21 और 2022 वर्ष के दौरान सहकारी बैंकों में 380 करोड़ रुपए जमा करने और इनका टैक्स रिटर्न नहीं भरने का आरोप है। इनकम टैक्स विभाग ने इन दोनों दलों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है और जल्द ही मामले में नोटिस भी जारी किया जा सकता है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “दोनों दलों द्वारा सहकारी बैंकों में जमा की गई रकम में कुछ अनियमितताएं पाई गई हैं। इसलिए इनकी जांच की जा रही है।” विभाग इन दोनों पार्टियों द्वारा पहले के वर्षों में की गई जमा राशि की भी जांच कर रहा है। इन दोनों दलों के नामों का तो खुलासा नहीं हो पाया लेकिन, यह जरूर पता लगा है कि ये दल तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश राज्य से जुड़े हैं।
पूछताछ भी हो चुकी
जांच में सामने आया है कि तमिलनाडु की एक पार्टी पर सहकारी बैंकों में धन जमा करने के लिए पार्टी के दो नेताओं के खातों का इस्तेमाल किया गया। आयकर विभाग के अधिकारी ने बताया, “जिनके बैंक खातों से करोड़ों की रकम ट्रांसफर की गई, पिछले महीने उनसे पूछताछ की गई थी लेकिन उन्होंने अभी तक इस बेहिसाब और अचानक जमा हुई रकम के बारे में कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया है। हम पार्टी से जुड़े अन्य लोगों के खातों में भी बड़ी नकदी जमा पर कड़ी नजर रख रहे हैं।” अधिकारी ने जांच का हवाला देकर मामले में अधिक जानकारी देने से इनकार कर दिया। अधिकारी ने कहा कि दूसरी पार्टी ने धन जमा करने के लिए फेक राजनीतिक दलों का इस्तेमाल किया और कई लेनदेन किए लेकिन, उनके सदस्यों के पास इस मामले में कोई स्पष्टीकरण नहीं है।
गौरतलब है कि ईडी इससे पहले ही मनी लॉन्ड्रिंग के केस में सीपीआई एम पार्टी के नाम पर खोले गए पांच बैंक खातों की जांच कर रही है। इसमें पार्टी ऑफिस के जमीन खरीदना, पार्टी फंड और लेवी आदि जमा करने का मामला है। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की बेटी वीणा पर भी गैर कानूनी लेन-देन के मामले में ईडी की टीम केस दर्ज कर चुकी है।