भोपाल: लोकसभा चुनाव से पहले मध्य प्रदेश कांग्रेस में भगदड़ लगातार जारी है। शुक्रवार रात पार्टी को उस वक्त एक और बड़ा झटका लगा जब छिंदवाड़ा के दिग्गज कांग्रेसी नेता, पूर्व मंत्री और कमलनाथ के बेहद करीबी रहे दीपक सक्सेना पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। दीपक सिर्फ कमलनाथ के सहयोगी ही नहीं थे बल्कि उनके अच्छे मित्र भी थे, दोनों का राजनीतिक साथ करीब 45 साल पुराना था, जो कि दीपक के भाजपा में आने के साथ ही छूट गया। शुक्रवार देर शाम दीपक सक्सेना भोपाल पहुंचे जहां सीएम डॉ मोहन यादव और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने उन्हें भाजपा की सदस्यता दिलाई।
भाजपा में शामिल होने के बाद दीपक सक्सेना ने कहा कि मैं भाजपा की नीतियों और मोदी जी के काम के साथ अमित शाह और मोहन यादव के काम और भाजपा जो विकास कर रही है, उससे प्रभावित होकर भाजपा में आया हूं। कमलनाथ को लेकर उन्होंने कहा- मैं 45 साल तक कमलनाथ का सिपाही रहा हूं। ना उनसे कोई नाराजगी है, ना ही उनके सम्मान में कोई कमी है। अभी जो व्यवस्था वहां लोकल में चल रही है। उसमें मैं अपने आप को फिट नहीं पाता हूं। इससे पहले कमलनाथ ने खुद उनके घर जाकर उनसे चर्चा करते हुए उन्हें रोकने की कोशिश की थी, लेकिन वो नहीं माने।
दीपक का स्वागत करते हुए सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि दीपक जहां जलता है, अंधेरा वहां हटता है। मैं बधाई देना चाहूंगा दीपक जी, महापौर और कमलेश शाह जी को जिन्होंने छिंदवाड़ा का गौरव बढ़ाया और लोकतंत्र को अपमानित करने का काम छिंदवाड़ा में हुआ है। सीएम ने कहा कि इन्होंने मौके पर अपनी सीट छोड़ दी, लेकिन उन्होंने मौका आने पर अपने बेटे को सीट दे दी। ऐसे उल्टे काम करने वालों को सीधा करना मोदी जी को आता है। मोदी जी जो कहते हैं, करते हैं। आज हमको कहां से कहां उठाकर मंत्री-मुख्यमंत्री बनाया। यहां योग्यता को अहमियत दी जाती है। आपका पूरा मान सम्मान बीजेपी में रखा जाएगा।
कमलनाथ ने मिलकर मनाने की कोशिश भी की
बताया जा रहा है कि दीपक सक्सेना को मनाने के लिए 2 अप्रैल को कमलनाथ ने खुद रोहना जाकर उनसे बात की थी, लेकिन वे नहीं माने। दीपक भाजपा में आने को लेकर इतने उत्साहित थे कि बुधवार सुबह से ही अपने समर्थकों को जुटाने में लग गए थे। जिसके चलते बुधवार को रोहना दरबार में लोगों की आवाजाही लगातार जारी रही।
बेटा पहले ही ले चुका था भाजपा की सदस्यता
कमलनाथ के लाख मनाने के बाद भी पूर्व कैबिनेट मंत्री और कमलनाथ के सबसे विश्वासपात्र माने जाने वाले दीपक सक्सेना का मन नहीं बदला और आखिरकार वे भाजपा में शामिल हो गए। दीपक सक्सेना के छोटे बेटे अजय चुनमुन सक्सेना ने पहले ही भाजपा ज्वाइन कर ली थी, जिसके चलते वह भाजपा की हर सभा और हर बड़े नेता और मंत्री के साथ जिले के दौर पर नजर आ रहे हैं। लोगों का मानना था कि दीपक सक्सेना कमलनाथ का साथ नहीं छोड़ेंगे।
25 मार्च को कहा था कमलनाथ के साथ रहूंगा, अब मुकर गए
बेटे अजय सक्सेना उर्फ चुनमुन के भाजपा में जाने के बाद से ही दीपक सक्सेना के भी भाजपा में जाने की अटकलें तेज हो गई थीं। इसका कारण यह भी है कि बेटे के भोपाल निकलते ही दीपक सक्सेना ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। लेकिन 25 मार्च को जब कमलनाथ छिंदवाड़ा पहुंचे तो दीपक सक्सेना खुद उनसे मिलने शिकारपुर पहुंचे थे, दोनों के बीच आधा पौन घंटे तक लगातार बातचीत होती रही। जब दीपक सक्सेना बाहर आए तो उन्होंने साफ कहा कि वह कमलनाथ के साथ है और नकुलनाथ को जिताने के लिए रणनीति तैयार करने यहां आए थे। उसके बाद दीपक सक्सेना नकुलनाथ की नामांकन रैली में नहीं पहुंचे और अब आखिरकार अपनी बात से मुकर गए हैं।
कमलनाथ से भी पहले से राजनीति में हैं दीपक
बताया जाता है कि कमलनाथ के छिंदवाड़ा आने से पहले दीपक सक्सेना राजनीति में आ चुके थे। साल 1970 में पहली बार दीपक सक्सेना रोहना ग्राम पंचायत के पंच बने। उसके बाद 1975 से 1980 तक दीपक सक्सेना रोहना के सरपंच रहे। इसी बीच 1979 में छिंदवाड़ा आए कमलनाथ से दीपक सक्सेना की मुलाकात हुई और यहां से वे छिंदवाड़ा के राजनीतिक पटल में दूसरे सबसे बड़े सितारा बनकर उभरने लगे।
चार बार के विधायक व सहकारी बैंक अध्यक्ष रह चुके
कमलनाथ ने 1984 में जिले में कांग्रेस के सबसे बड़े नाम लाला सुंदरलाल जायसवाल को हटाकर दीपक सक्सेना को जिला सहकारी बैंक का अध्यक्ष बनाया। इसके बाद वे करीब 20 साल तक लगातार अध्यक्ष बने रहे। 1990 से 2018 तक कमलनाथ ने दीपक सक्सेना को लगातार 7 बार छिंदवाड़ा विधानसभा से टिकट दिया, जिसमें से वे चार बार (1993, 1998, 2008 और 2018) विधायक चुने गए। हालांकि 2018 में दीपक ने मुख्यमंत्री कमलनाथ के लिए अपनी सीट छोड़ दी, लेकिन विधायकी छोड़ने से पहले दीपक सक्सेना को प्रोटेम स्पीकर भी बनाया गया था। चार बार की विधायकी के कार्यकाल में दीपक सक्सेना को दो बार पीएचई मंत्री और कैबिनेट मंत्री बनाया गया। इतना ही नहीं अपेक्स बैंक के डायरेक्टर के रूप में दीपक सक्सेना ने आठ देशों की यात्रा भी की। ये सभी उपलब्धियां दीपक सक्सेना को कमलनाथ के साथ रहने की वजह से मिली थीं।
छिंदवाड़ा सीट से पूर्व सीएम कमलनाथ का वर्चस्व खत्म करने के लिए भाजपा इस बार हर संभव कोशिशें कर रही हैं। इसी सिलसिल में वो पूर्व सीएम के गढ़ में लगातार सेंधमारी कर रही है। छिंदवाड़ा के अमरवाड़ा से कांग्रेस विधायक कमलेश शाह, महापौर विक्रम अहाके, सभापति, पार्षदगणों और कांग्रेस पदाधिकारियों समेत सैकड़ों कार्यकर्ताओं को भाजपा में शामिल कराने के बाद अब भाजपा ने कमलनाथ के सबसे करीबी एवम् पूर्व कैबिनेट मंत्री दीपक सक्सेना को भाजपा मैं शामिल कर लिया।