गाजियाबाद : लोकसभा सीट गाजियाबाद बनने के बाद से यहां सांसद के रूप में भाजपा के प्रत्याशी चुने जा रहे हैं। चुनाव जिताकर संसद भेजने वाली गाजियाबाद सीट पर जीत में निर्णायक भूमिका साहिबाबाद विधानसभा की होती है, जो यूपी की सबसे बड़ी विधानसभा है। यहां के मतदाताओं की संख्या 10,33,314 है। इसलिए इस बार भी जीत की हैट्रिक लगा चुकी भाजपा के साथ सभी दलों का साहिबाबाद पर फोकस रहेगा।
गाजियाबाद लोकसभा सीट में साहिबाबाद के साथ गाजियाबाद, मुरादनगर, लोनी विधानसभा सीट के साथ धौलाना विधानसभा क्षेत्र का आंशिक हिस्सा शामिल है। पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा के वीके सिंह को 9,44,503 वोट मिले थे। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी सपा से पर्चा दाखिल करने वाले सुरेश बंसल को 501,500 वोट से हराया था।
वीके सिंह को मिले मत में 36 फीसदी हिस्सा साहिबाबाद विधानसभा के मतदाताओं का रहा था। साहिबाबाद से वीके सिंह को 3,39,122 वोट और सुरेश बंसल 79,410 वोट मिले थे। अकेले इस सीट ने ही विजेता वीके सिंह को 2,59,712 वोट की निर्णायक बढ़त दिलाई थी। जीत के अंतर में बाकी सीट इतने मत भी नहीं जोड़ पाई थीं। बढ़त के वोट की बात करें तो लगभग 52 फीसदी मत साहिबाबाद विधानसभा सीट के शामिल थे।
गाजियाबाद की बाकी तीन विधानसभा सीट मिलकर सिर्फ 48 फीसदी मत जीत के अंतर में जोड़ पाई थीं। वहीं धौलाना में वीके सिंह से ज्यादा सुरेश बंसल को वोट मिले थे।
इसलिए रहता है सभी दलों का फोकस
लोकसभा सीट की पांचों विधानसभाओं में दूसरे नंबर पर लोनी है और इससे भी लगभग दोगुने के करीब मतदाता साहिबाबाद में हैं। लोनी में 5,17,604 मतदाता हैं, जबकि साहिबाबाद में इस बार सांसद चुनने के लिए 10,33,314 मतदाता वोट डाल सकेंगे। इतना नहीं लोकसभा सीट पर कुल 29,02,231 मतदाताओं में से करीब 36 फीसदी साहिबाबाद विधानसभा सीट के हैं। यही कारण है कि यह सीट जीत में निर्णायक बढ़त दिलाती है और 10 लाख से अधिक मतदाता होने के कारण प्रत्याशियों को यहां से ज्यादा वोट मिलने की उम्मीद रहती है।