नई दिल्ली. कथित शराब घोटाले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ दाखिल याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट में जवाब दायर किया। एजेंसी ने दावा किया कि केजरीवाल सीधे तौर पर आबकारी नीति के निर्माण में शामिल थे। वह पूरी साजिश में आंतरिक रूप से शामिल रहे हैं, जिसमें नीति का मसौदा तैयार किया गया था। इस मामले पर आज (बुधवार) सुनवाई होनी है।
ईडी ने केजरीवाल की याचिका का विरोध किया। जांच एजेंसी ने कहा कि केजरीवाल को जांच में शामिल होने के लिए कई अवसर दिए गए। इस बाबत 9 समन जारी किए गए, लेकिन उन्होंने सहयोग नहीं किया। ईडी ने कहा है कि आम आदमी पार्टी (आप) कथित शराब घोटाले में उत्पन्न अपराध की आय की प्रमुख लाभार्थी है। अपराध की आय का एक नगद हिस्सा 45 करोड़ रुपये वर्ष 2022 में गोवा में हुए विधानसभा चुनाव अभियान में इस्तेमाल किया गया।
ईडी ने अपने जवाब में कहा है कि आप ने अरविंद केजरीवाल के माध्यम से धनशोधन का अपराध किया है। यह अपराध धनशोधन अधिनियम की धारा 70 के दायरे में आता है। आप एक राजनीतिक दल है, जिसमें जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 29-ए के तहत पंजीकृत व्यक्तियों का संघ शामिल है।
आप बोली- ईडी झूठ बोलती है
ईडी द्वारा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल वाले मामले में हाईकोर्ट में दाखिल जवाब पर पलटवार किया है। आप का कहना है कि ईडी झूठ बोलती है। आम आदमी पार्टी का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि तथाकथित शराब घोटाले में कोई मनी ट्रेल नहीं मिला है। कोई पैसा भी नहीं मिला है। ईडी सुप्रीम कोर्ट में एक भी सबूत पेश नहीं कर पाई है।