मध्य प्रदेश के उज्जैन में बोहरा समाज से आने वाले भाई-बहन के सुसाइड के मामले में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। इस मामले में पुलिस ने आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में माता-पिता को गिरफ्तार कर लिया है। इन दोनों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला भी दर्ज किया गया है। पूरे मामले में पुलिस ने खुलासा करते हुए बताया कि बोहरा समाज के भाई-बहन के सुसाइड मामले में फॉरेंसिक टीम के साथ पुलिस जांच कर रही थी। जिसमे पाया गया कि दोनों ने पहले जहर पी ली थी। उसके बाद हाथ की नस काटी थी। हालांकि, मौके पर पहुंची पुलिस को आत्महत्या वाले स्थान पर खून नहीं मिला था।
पुलिस हत्या के एंगल से भी जांच कर रही थी। पुलिस को एक सुसाइड नोट मिला था जिसमें पिता को जिम्मेदार बताते हुए आत्महत्या की बात लिखी गई थी। पुलिस को एक डायरी भी मिली जिसमे मृतक ने पिता द्वारा परेशान करने और जिम्मेदारी नहीं उठाने की बात लिखी है। इस पूरे मामले में मां भी सुसाइड करना चाहती थी लेकिन बच्चों ने रोक दिया था और नस काटने में निकला खून फ्रीज़ में रखवा कर पिता को दिखाने के लिए कहा था। दोनों बच्चों के आत्महत्या में उनका साथ देने के बाद मां स्कूल में पढ़ाने चली गई। शाम को घर आकर उसने नाटक किया और खबर फैलाई की बच्चों ने आत्महत्या कर ली है।
उज्जैन शहर के जीवाजी गंज थाना क्षेत्र के सेफी मोहल्ले में रहने वाले ज़ेहरा और उसके भाई ताहिर ने हाथ की नस काटकर आत्महत्या कर ली थी। पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और छानबीन की तो पता चला कि मृतक के पिता सादिक हुसैन कुवैत में रहते हैं। मौके पर पहुंची जीवाजी गंज थाना पुलिस ने फॉरेंसिक टीम के साथ जांच शुरू कर दी थी। भाई-बहन का शव कमरे में पास-पास मिला था।
नस कटा पर नहीं मिले खून के निशान
दोनों के हाथ की नस के कटने के निशान भी पुलिस को मिले थे। लेकिन दोनों के खून निकलने का कोई निशान नहीं मिला था। पुलिस इस आत्महत्या के मामले को संदिग्ध मानकर चल रही थी। मामले में पुलिस ने मंगलवार को खुलासा कर दिया। पुलिस ने आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज किया है। इस पूरे मामले में ख़ास बात ये है कि मां भी आत्महत्या करना चाहती थी। लेकिन पिता को बच्चों का खून दिखाने के लिए उसने आत्महत्या नहीं कि और खून फ्रिज में रखकर स्कूल पढ़ाने चली गई।
जांच के दौरान पुलिस ने घर के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे से भी सबूत तलाशने का प्रयास किया। लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जहर वाली बात सामने आ गई। पुलिस ने इसके बाद सख्ती से पूछताछ कि तो पता चला कि बुधवार को पति सादिक ने पत्नी के मोबाइल पर मैसेज किया था, ‘मेरे पास रुपये कम है और कर्ज ज्यादा है। मुझसे तुम लोग ज्यादा उम्मीद मत रखना।’ इस मेसेज से दुखी होकर मां फातिमा, बेटा ताहिर और बेटी ज़ेहरा तीनों ने आत्महत्या करने का निर्णय लिया। लेकिन मां को आत्महत्या करने से बेटे और बेटी ने रोक दिया था और दोनों ने आत्महत्या जैसा कदम उठा लिया था।
आत्महत्या की वजह
पुलिस की पूछताछ में पता चला कि पिता 2003 से कुवैत में नौकरी करते थे एवं घर पर कई साल में आते थे। पुलिस को पता चला कि वो अपने परिवार का ध्यान नहीं रखते थे। बुलाने पर भी वो घर नहीं आते थे। बेटे ताहेर को बचपन से आंखों की बीमारी थी। उसे कम दिखाई देता था। पिता ने उसका भी सही ढंग से इलाज नहीं कराया था। इस कारण से वह मानसिक रूप से तनाव में रहता था। लड़की जेहरा भी पारिवारिक समस्या को लेकर मानसिक रूप से परेशान रहती थी। पूरा परिवार आत्महत्या करना चाहता था। सुसाइड करने से पहले उसने नोट में लिखा था, ‘मैं ताहेर और मेरी बहन जेहरा दोनों आत्महत्या कर रहें हैं। सिर्फ और सिर्फ हमारे पिता की वजह से हम ऐसा कर रहे हैं। क्योंकि उसने ना मेरी आंखों का इलाज कराया और ना हमें अच्छी जिंदगी दी। ना तो खुद कुछ किया. और ना हमें करने दिया। इसलिए हम दोनों साथ में मर रहे हैं। धन्यवाद।’
पुलिस ने बताया कि घर से जो सुसाइड नोट मिला था वो भी उनकी मां ने ही लिखा था लेकिन साइन दोनों बच्चों से करवा ली थी। बेटा ताहिर डायरी लिखता था। उसने अपनी डायरी में भी पिता द्वारा परेशान करने और जिम्मेदारी नहीं उठाने की बात लिखी है। पुलिस ने जब आरोपी मां से पूछताछ कि तो उसने बताया कि दोपहर में स्कूल जाने से पहले दोनों बच्चों ने मेरे सामने जहर खाया। मां ने कहा था कि बच्चों ने उन्हें सुसाइड करने से रोका था और कहा था कि वो उनका खून पिता को दिखाएं। जिसके बाद मां ने दोनों का खून को प्लास्टिक थैली में भरकर फ्रिज में रख दिया था। ताकि जब उनके पिता बच्चों की मौत की खबर सुनकर घर आए तो उन्हें खून दिखा सके।